प्राचार्य संदेश

प्रिय छात्र / छात्राएं एवं अभिभावकगण,
शिक्षा मानव समाज के सर्वागीण विकास की आधार शिक्षा हैं | विद्या मंदिर संस्कृति, संस्कार और ज्ञान का तीर्थ स्थल हैं जहाँ मुल्यों का संरक्षण, संवर्धन होता है | वास्तव में किसी भी सम्य समाज के अनुभूत सत्य की साक्षी शिक्षा ही हैं | शिक्षा के अलौकिक ज्ञान प्रकाश ने मानव को "अमृतस्य पुत्रोहम " कहलाने का अधिकारी बनाया | हम सभी शिक्षकगण अपनी विवेकशीलता, प्रगतिशील क्रमनिस्ट एवं शैक्षणिक कुशलता को आधार बनाकर वर्तमान समय की आवश्यकतानुसार ज्ञान प्रवाह की अविरल धारा को निरंतरता के साथ प्रवाहित करने का भीष्म संकल्प लें | साथ ही कुशल निर्देशन एवं सत्य परामर्श के उचित संयोजन से छात्र-वर्ग में अंतनिर्हित क्षमताओं एवं अपार संभावनाओं का समुचित विकास कर राष्ट्र निर्माण सहयोग करें |

हमारा गुरुणत्तर दायित्व है कि वैशवीकरण में इस युग में ढृढ़ संकल्प शक्ति, विचारशीलता, त्यागनिष्टा, कर्मठता को आधार बनाकर संस्कारित कर्मनिष्ठ, प्रखर मेधा संपन्न छात्रों की ऐसी पौध रोपित करें जो ज्ञान जगत कल्याण के साथ राष्ट्र की अमर एवं अनमोल धरोहर बन सके |

The purpose of education is to make good human beings with skill & expertise. (A.P.J. Abdul Kalam )